1 जून 2025 से देशभर में एटीएम से पैसे निकालना पहले से ज्यादा महंगा होने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत एटीएम ट्रांजैक्शन पर लगने वाली फीस में 2 रुपये की बढ़ोतरी होगी। अब मुफ्त सीमा खत्म होने के बाद हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये देने होंगे। यह बदलाव उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगा जो बार-बार एटीएम का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं कि नए नियम क्या हैं और आप कैसे बच सकते हैं।
नए नियमों का पूरा ब्यौरा
RBI के नए नियमों के अनुसार, 1 जून 2025 से फ्री लिमिट के बाद हर एटीएम ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये (पहले 21 रुपये) चार्ज देना होगा। हर महीने आपको अपने बैंक के एटीएम से 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन और दूसरे बैंक के एटीएम से मेट्रो शहरों में 3 तथा गैर-मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन मिलेंगे। इनमें पैसे निकालना और बैलेंस चेक करना, दोनों शामिल हैं। यह नियम सभी बैंकों, जैसे SBI, HDFC, PNB, और कोटक महिंद्रा पर लागू होगा। यह बदलाव कैश रिसाइक्लर मशीनों (CRM) पर भी लागू होगा, सिवाय कैश जमा करने के।
फ्री लिमिट और चार्ज की जानकारी
नए नियमों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन।
- दूसरे बैंक के एटीएम से मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन।
- फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये + टैक्स।
- गैर-वित्तीय ट्रांजैक्शन (जैसे बैलेंस चेक) भी फ्री लिमिट में गिने जाएंगे।
- कैश जमा करने पर कोई चार्ज नहीं।
विवरण | जानकारी |
---|---|
अपने बैंक के एटीएम | 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन प्रति माह |
दूसरे बैंक के एटीएम (मेट्रो) | 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन प्रति माह |
दूसरे बैंक के एटीएम (गैर-मेट्रो) | 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन प्रति माह |
फ्री लिमिट के बाद चार्ज | 23 रुपये + टैक्स प्रति ट्रांजैक्शन |
क्यों बढ़ा चार्ज?
RBI ने इस बढ़ोतरी को मंजूरी दी है ताकि बैंक एटीएम चलाने की बढ़ती लागत को पूरा कर सकें। एटीएम का रखरखाव, कैश मैनेजमेंट, और सिक्योरिटी सिस्टम को अपग्रेड करने में बैंकों का खर्च बढ़ गया है। यह बढ़ोतरी बैंकों को अपनी सेवाओं को बेहतर और सुरक्षित बनाने में मदद करेगी। हालांकि, बार-बार एटीएम इस्तेमाल करने वालों को अब ज्यादा सावधानी बरतनी होगी ताकि अतिरिक्त खर्च से बचा जा सके।
ज्यादा चार्ज से कैसे बचें?
RBI और बैंक ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट जैसे UPI, नेट बैंकिंग, और मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। इससे न केवल चार्ज बचेगा, बल्कि समय और मेहनत की भी बचत होगी। कुछ आसान तरीके हैं:
- अपने बैंक के एटीएम का ज्यादा इस्तेमाल करें।
- छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन से बचें, एक बार में ज्यादा राशि निकालें।
- मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग से बैलेंस चेक करें।
- UPI या कार्ड से डायरेक्ट पेमेंट करें।
बैंकों की नई नीति
कई बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को नए नियमों की जानकारी दे दी है। HDFC बैंक ने कहा है कि उनके एटीएम पर केवल कैश निकालने पर ही चार्ज लगेगा, बैलेंस चेक जैसे गैर-वित्तीय ट्रांजैक्शन मुफ्त रहेंगे। लेकिन दूसरे बैंकों के एटीएम पर दोनों तरह के ट्रांजैक्शन फ्री लिमिट में गिने जाएंगे। PNB ने 9 जून 2025 से गैर-वित्तीय ट्रांजैक्शन के लिए 11 रुपये और वित्तीय ट्रांजैक्शन के लिए 23 रुपये चार्ज करने की घोषणा की है। IndusInd बैंक ने भी सभी खातों पर 23 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज लागू करने की बात कही है।
डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ता भारत
RBI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक एटीएम से कैश निकासी 48.83 करोड़ ट्रांजैक्शन तक पहुंची, जो 2023 में 57 करोड़ थी। इससे साफ है कि लोग अब UPI और ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह नया नियम ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग की ओर और प्रोत्साहित करेगा। अगर आप बार-बार एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो अपनी आदत बदलें और डिजिटल पेमेंट अपनाएं ताकि आपका पैसा और समय दोनों बचे।