योजना क्या है
महाराष्ट्र की लाडकी बहीण योजना गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देती है। यह पैसा सीधे बैंक खाते में आता है। इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक मदद देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। अप्रैल 2025 की 11वीं किस्त का इंतजार खत्म हुआ, क्योंकि सरकार ने इसके लिए तारीख बता दी है। यह योजना लाखों महिलाओं की जिंदगी आसान बना रही है।
10वीं किस्त कब मिलेगी
सरकार ने कहा कि 11वीं किस्त अप्रैल 2025 में दी गई थी। ज्यादातर महिलाओं को 2 मई से 7 मई 2025 के बीच पैसा मिला। कुछ जगहों पर देरी हुई, तो 24 अप्रैल तक भी राशि भेजी गई। जिन्हें 8वीं या 9वीं किस्त नहीं मिली, उन्हें 11वीं किस्त के साथ 4500 रुपये (तीन किस्तें) मिले। यह पैसा दो हिस्सों में भेजा गया: पहले 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को, फिर 41 लाख को।
कौन ले सकता है लाभ
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आसान शर्तें हैं:
शर्त | विवरण |
---|---|
रहने की जगह | महाराष्ट्र में रहना जरूरी |
उम्र | 21 से 65 साल |
कमाई | परिवार की सालाना आय 2.5 लाख से कम |
बैंक खाता | आधार से जुड़ा और DBT चालू |
अगर ये शर्तें पूरी हैं, तो आप पैसे पा सकती हैं। बैंक खाता आधार से जुड़ा होना बहुत जरूरी है, वरना पैसा अटक सकता है।
पैसा कैसे चेक करें
10वीं किस्त का पैसा आया या नहीं, ये चेक करना आसान है:
- वेबसाइट ladakibahin.maharashtra.gov.in पर जाएं।
- “Track your application” या “Check Installment Status” चुनें।
- रजिस्ट्रेशन नंबर और बैंक जानकारी डालें।
- OTP मांगने पर मोबाइल पर आए कोड को डालें।
- “Submit” दबाकर देखें कि पैसा आया या नहीं।
- अगर ऑनलाइन नहीं कर सकते, तो नजदीकी आंगनवाड़ी या आपले सरकार केंद्र पर जाएं।
योजना से क्या फायदा
इस योजना से अब तक 2.43 करोड़ महिलाओं को मदद मिली है। यह पैसा न सिर्फ आर्थिक सहारा देता है, बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास भी देता है। हाल के चुनावों में इस योजना ने महिलाओं को वोट देने के लिए प्रेरित किया। सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए सारा पैसा DBT से भेजने का नियम बनाया है।
आगे क्या होगा
कुछ खबरों में कहा गया कि भविष्य में 1500 रुपये को बढ़ाकर 2100 रुपये किया जा सकता है, पर अभी पक्की खबर नहीं है। महिलाओं को सलाह है कि अपने दस्तावेज और बैंक जानकारी अपडेट रखें। अगर 11वीं किस्त नहीं मिली, तो जल्दी स्टेटस चेक करें और जरूरी कदम उठाएं। सरकार सत्यापन को और सख्त करेगी, ताकि सिर्फ सही महिलाओं को लाभ मिले।