बैंक खाताधारकों के लिए राहत! 1 अप्रैल से TDS पर नए नियम, अब ज्यादा ब्याज पर भी नहीं कटेगा टैक्स

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बैंक खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है! 1 अप्रैल 2025 से टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) के नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में इन बदलावों की घोषणा की थी, जिसका मकसद मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक राहत देना है। अब फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से मिलने वाले ब्याज पर TDS की सीमा बढ़ा दी गई है। इससे आम लोग और खासकर वरिष्ठ नागरिक ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं बिना टैक्स कटवाए। आइए जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और ये आपको कैसे फायदा देंगे।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए दोगुनी राहत

वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से ज्यादा उम्र) के लिए TDS की सीमा को दोगुना कर दिया गया है। पहले बैंकों में FD या RD से अगर सालाना ब्याज 50,000 रुपये से ज्यादा होता था, तो TDS कटता था। अब 1 अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। यानी, अगर आपका ब्याज 1 लाख रुपये से कम है, तो बैंक कोई टैक्स नहीं काटेगा। इससे वरिष्ठ नागरिकों को उनकी बचत से ज्यादा कमाई होगी।

सामान्य लोगों के लिए भी फायदा

सामान्य लोगों (60 साल से कम उम्र) के लिए भी TDS की सीमा को बढ़ाया गया है। पहले 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज पर TDS कटता था, लेकिन अब यह सीमा 50,000 रुपये कर दी गई है। अगर आपका सालाना ब्याज 50,000 रुपये से कम है, तो बैंक TDS नहीं काटेगा। यह बदलाव उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो FD से मिलने वाले ब्याज पर निर्भर हैं। इससे उनकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा।

वर्गपुरानी TDS सीमानई TDS सीमा (1 अप्रैल 2025 से)
वरिष्ठ नागरिक (60+)50,000 रुपये1,00,000 रुपये
सामान्य लोग (<60)40,000 रुपये50,000 रुपये
TDS दर10%10% (20% बिना PAN के)

फॉर्म 15G और 15H से बचें TDS

अगर आपकी कुल आय टैक्स-मुक्त सीमा से कम है, तो आप TDS से बच सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक में फॉर्म 15G (सामान्य लोगों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) जमा करना होगा। ये फॉर्म बताते हैं कि आपकी आय पर टैक्स नहीं लगता, इसलिए बैंक TDS नहीं काटेगा। लेकिन, ध्यान रखें कि आपको अपनी FD की ब्याज आय को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दिखाना होगा। अगर गलत जानकारी दी, तो टैक्स नोटिस आ सकता है।

बैंकों के लिए सख्त नियम

RBI और सरकार ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे TDS नियमों का पालन करें। बैंकों को अब ग्राहकों को ब्याज और TDS की पूरी जानकारी देनी होगी। अगर आपका PAN नंबर बैंक के पास नहीं है, तो TDS 20% की दर से कटेगा। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपका PAN बैंक के साथ लिंक है। साथ ही, आप फॉर्म 26AS में अपनी TDS जानकारी चेक कर सकते हैं, जिसमें आपके PAN से जुड़ा सारा टैक्स क्रेडिट दिखता है।

अन्य बदलाव और सावधानियां

TDS के नए नियम सिर्फ FD और RD तक सीमित नहीं हैं। म्यूचुअल फंड और डिविडेंड आय पर भी TDS सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। साथ ही, लॉटरी या गेमिंग से जीती रकम पर TDS तभी कटेगा, जब एक बार में जीत 10,000 रुपये से ज्यादा हो। ग्राहकों को सलाह है कि वे अपनी आय और निवेश की योजना बनाएं, ताकि टैक्स बचत का पूरा फायदा उठा सकें।

निष्कर्ष

1 अप्रैल 2025 से लागू TDS के नए नियम मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। बढ़ी हुई सीमा से अब ज्यादा ब्याज पर भी टैक्स नहीं कटेगा। लेकिन, सही जानकारी और फॉर्म 15G/15H का इस्तेमाल जरूरी है। अपने बैंक से संपर्क करें, PAN लिंक करें और फॉर्म 26AS चेक करें। इन नियमों का सही इस्तेमाल करके आप अपनी बचत को और बढ़ा सकते हैं।

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