नई दिल्ली: किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! हरियाणा सरकार ने बिजली सब्सिडी के तहत 6718 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि देने का ऐलान किया है। इस योजना से किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी, जिससे उनकी खेती का खर्च कम होगा। यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि खेती को और आसान भी बनाएगा। आइए, जानते हैं कि यह योजना क्या है और इसका फायदा कैसे मिलेगा।
क्या है बिजली सब्सिडी योजना?
हरियाणा सरकार ने किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सस्ती बिजली देने का फैसला किया है। नए नियमों के तहत बिजली की कीमत 6.48 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 7.35 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है। लेकिन किसानों पर इसका कोई बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि उन्हें सिर्फ 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। बाकी 7.25 रुपये प्रति यूनिट की लागत सरकार सब्सिडी के रूप में बिजली कंपनियों को देगी। इस कदम से किसानों को सालाना 6718 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसानों को सस्ती बिजली मिलने से उनकी सिंचाई की लागत बहुत कम हो जाएगी। ट्यूबवेल चलाने के लिए बिजली का बिल अब नाममात्र का होगा। इसके अलावा, कोल्ड स्टोरेज चलाने वालों को भी सस्ती बिजली दी जाएगी। पहले कोल्ड स्टोर के लिए 7.50 रुपये प्रति यूनिट की दर थी, जिसे अब कम किया गया है। इससे किसानों की फसल को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।
वर्ग | बिजली की दर | सब्सिडी |
---|---|---|
ट्यूबवेल कनेक्शन | 10 पैसे/यूनिट | 7.25 रुपये/यूनिट |
कोल्ड स्टोरेज | सस्ती दरें लागू | पहले से कम कीमत |
अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी राहत
यह योजना सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं है। सरकार ने गरीब परिवारों को भी 2 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, सरकारी विभागों जैसे पब्लिक हेल्थ, सिंचाई विभाग, नगर निगम और नगर पालिका को पुरानी दरों पर ही बिजली मिलती रहेगी, यानी 7.35 रुपये प्रति यूनिट। इन विभागों के लिए मासिक फिक्स चार्ज में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे आम लोगों और सरकारी सेवाओं को भी फायदा होगा।
क्यों जरूरी थी यह योजना?
किसानों का कहना है कि बिजली की बढ़ती कीमतों के कारण खेती का खर्च बढ़ रहा था। इस सब्सिडी से उनकी यह बड़ी समस्या हल होगी। सरकार का मकसद है कि सस्ती बिजली से किसान अपनी फसलों की सिंचाई बेहतर तरीके से कर सकें और उत्पादन बढ़ा सकें। साथ ही, कोल्ड स्टोरेज की सस्ती बिजली से फसलें लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगी, जिससे किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिलेगी। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार बिजली कंपनियों को सीधे फंड देगी।
लोगों की प्रतिक्रिया और भविष्य
इस योजना की घोषणा के बाद किसानों में खुशी की लहर है। कई किसान संगठनों ने सरकार के इस कदम की तारीफ की है और इसे समय की जरूरत बताया है। हालांकि, कुछ लोग चाहते हैं कि सरकार इस तरह की योजनाओं को और विस्तार दे, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को भी ज्यादा फायदा हो। सरकार ने भरोसा दिया है कि वह किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर और कदम उठाएगी। उम्मीद है कि यह योजना 2026 तक लाखों किसानों की जिंदगी को और आसान बनाएगी।